क्लिनिकली सिद्ध डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा, हरियाणा राज्य के आयुष विभाग द्वारा लाइसेंस्ड।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज(सीसीआरएस) द्वारा विकसित और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) द्वारा टेस्टेड सुरक्षित डायबिटीज दवा है।
इस 3 महीने के कोर्स में आपको 540 टैबलेट्स मिलती हैं, जिसमे प्रत्येक गोली आपको मिलती है ₹5 पर, जो इसे बनाती है भारत की सबसे सस्ती हर्बल डायबिटीज गोली।
आयुर्वेद में, डायबिटीज़ को 'प्रमेह' कहा जाता है। यह बीमारी वात, पित्त, और कफ के असंतुलन से होती है, जो हमारे शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को प्रभावित करती है। इस असंतुलन के कारण पाचन अग्नि बिगड़ जाती है, जिससे भोजन को पचाने में समस्या होती है और ग्लूकोज को सही तरीके से मेटाबॉलिज्म नहीं किया जा सकता है।
इसके परिणामस्वरूप, पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, डायबिटीज के लिए अधिकांश आयुर्वेदिक उपायों में इस असंतुलन को ठीक किया जाता है और शरीर की पाचन अग्नि में सुधार किया जाता है , ताकि पाचन का कार्य सही तरीके से हो सके और डायबिटीज अच्छी तरह नियंत्रित की जा सके।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है
ज्यादा पेशाब आने की समस्या में राहत देता है
भूख को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है
ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है
डायबिटीज से जुडी आँखों, गुर्दे और नसों की समस्याओं में मदद करता है
बीटा कोशिकाओं को पुनर्स्थापित करता है
ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करता है
रक्त शर्करा को सामान्य बनाता है
इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है
भोजन के बाद बढे शुगर लेवल को नियंत्रित करता है
थकावट को कम करता है
इम्युनिटी को मजबूत करता है
"सालों से मैं अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल की परेशानी से जूझ रहा था, जिससे मुझे कमजोरी और निराशा महसूस होती थी। मुझे हमेशा ऐसा महसूस होता जैसे कि मैं तनाव में हूं, हमेशा मुझे अपने बढ़ते हुए ब्लड शुगर लेवल की चिंता सताती रहती और पूरे शरीर में थकान महसूस होती। लेकिन फिर मेरी ज़िन्दगी में आयुष 82 आदवेद आया। मुझे इस जड़ी बूटी वाली डायबिटीज दवा का उपयोग करते हुए मुझे तीन महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। अब मुझे वह भूख नहीं लगती जैसा कि कभी पहले लगती थी, और मैं वास्तव में अपने शरीर में अधिक ताक़त महसूस कर सकता हूं। मेरा ब्लड शुगर लेवल खाने के बाद भी कण्ट्रोल रहता है। मैं इसका उपयोग आगे भी जारी रखूँगा क्यूंकि इसने अभी तक कभी भी मेरे शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं डाला है।"
"मैं एक व्यस्त पेशेवर हूं और मेरे पास डायबिटीज को नियंत्रित करने के साथ अपने व्यस्त शेड्यूल को बैलेंस करना मुश्किल था। हर वक़्त मुझे बढ़ते हुए शुगर लेवल की चिंता सताती रहती मुझे हर वक़्त थकान कमजोरी महसूस होती। जब तक मेरी ज़िन्दगी में आयुष-82 आदवेद नहीं आया था। इसके नेचुरल इंग्रेडिएंट्स के अद्भुत मिश्रण ने मेरे ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल में किया। इसके प्राकृतिक घटकों ने मुझे प्रभावी समाधान प्रदान किया, जिससे मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकूं बिना हर वक़्त खाने और भूख के बारे में सोचे । मैं इसे अपनी नियमित डायबिटीज दवा के साथ लेने लगी हूँ, और मैं महसूस कर सकती हूँ कि मेरे शरीर में अब अधिक ताक़त है। "
"बुढ़ापे में मधुमेह से निपटना बहुत ही थकानदेने वाला काम होता है। लगातार बदलते ब्लड शुगर लेवल के कारण जीवन बहुत जीना कठिन हो जाता है, खासकर नसों, आखों, और किडनी जैसी संक्रमण की चिंता तो हमेशा बनी रहती है। ये परेशानी तब थी जब तक मेरे जीवन में आयुष-82 आदवेद नहीं आया था। इसके प्राकृतिक घटक न केवल मेरे रक्त शर्करा स्तरों को स्थिर बनाए रखते हैं बल्कि ज्यादा प्यास और थकावट जैसे लक्षणों को भी दूर करते हैं। यह मेरी पाचन संबंधी समस्याओं में भी मदद करता है; पेट में गैस, पेट की सूजन और पाचन विकारों जैसी समस्याएँ मेरे लिए पुरानी बात हो गई हैं।"
आम्र बीज (आम)- शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है
गुड़मार की पत्तियां - शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करती हैं
जम्बू बीज (जामुन) - मधुमेह के लक्षणों को कम करता है
करावेलका (करेला)- ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में लाभ प्रदान करता है
शुद्ध शिलाजीत- ग्लूकोज के स्तर को नियमित करने में मदद करता है और चयापचय को बढ़ाता है
आदवेद द्वारा आयुष 82 टैबलेट भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित और CCRAS द्वारा विकसित एक चिकित्सकीय परीक्षण और सिद्ध आयुर्वेदिक फॉर्मूला है। इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं।
जबकि आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन का उद्देश्य प्रतिकूल प्रभावों को कम करना है, संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं, हालांकि वे दुर्लभ या हल्के हो सकते हैं। आपके शरीर में एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं होने की संभावना हो सकती है। यह व्यक्ति दर व्यक्ति पर निर्भर करता है। हालाँकि, हमारे अनुभव से, अधिकांश लोग हमारी दवा से सहज रहे हैं। उन्होंने मधुमेह के लिए इन दवाओं के उपयोग के कोई नकारात्मक संकेत नहीं दिखाए हैं।